चीन फिर गहरी साजिश में जुटा, जवाब में भारत का आधुनिक लड़ाकू विमान ‘शक्तिमान’ खड़ा है

बीजिंग: चीन से लगी सीमा पर भारत के राफेल लड़ाकू विमान तैनात करने के बाद बीजिंग घबरा गया है। अब इससे मुकाबले के लिए चीन ने भारत की सीमा के बिल्कुल पास तिब्बत में अपने अत्याधुनिक जे-20 फाइटर जेट की तैनाती की है।

सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से दावा किया है कि सिक्किम से करीब 150 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित एक महत्वपूर्ण तिब्बती एयर बेस शिगास्ते पर कई जे-20 फाइटर जेट को उतरते हुए देखा गया है। तिब्बत में मौजूद चीन का ये एयरबेस पश्चिम बंगाल के हासीमारा के भारतीय वायुसेना के बेस से 300 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है, जहां भारतीय वायुसेना के 16 राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन तैनात है।

शिगात्से एयरफील्ड पर जे-20 फाइटर जेट की मौजूदगी को भारत को गंभीरत से लेने की जरूरत है। 14,408 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिगात्से तिब्बत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसकी दूसरी खासियत यहां को एयरबेस है, जो नागरिकों के साथ ही सेना के इस्तेमाल के लिए भी है। जे-20 की तैनाती ये बताती है कि तिब्बत के अत्यधिक ऊंचाई वाले ठिकानों के कठोर वातावरण से संचालन करने की इसकी क्षमता को दर्शाती है। लड़ाकू विमानों की मौजूदगी यह भी संकेत देती है कि चीनी वायु सेना ने तैनाती से पहले फाइटर जेट के संचालन को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे की तैनाती जरूर की होगी। एक्सपर्ट की मानना है कि तिब्बत में जे-20 की मौजूदगी भारतीय वायु सेना के लिए एक स्पष्ट खतरा है।

बॉर्डर पर तैयारी बढ़ा रहा ड्रैगन
मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव शुरू होने के बाद से चीन की एयरफोर्स नियमित रूप से पश्चिमी सेक्टर में अपने हवाई क्षेत्रों में जे-20 को तैनात कर रही है. इसी क्रम में उसने शिनजियांग में होटन एयरफील्ड पर लड़ाकू विमान तैनात किए थे. यह जगह एलएसी से लगभग 240 किमी दूर है.

कुछ दिन पहले ही खबरें आई थीं कि चीन कैसे लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3,488 किमी लंबी एलएसी के तीनों सेक्टरों में बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. वह ऐसे गांव बना रहा है जिसका दो तरह से इस्तेमाल हो सकता है. इसके अलावा सैन्य ठिकाने मजबूत कर रहा है और बॉर्डर के उस पार अपने हवाई अड्डों पर ज्यादा जेट तैनात कर रहा है.

चीन ने अब अपने होटन, काशगर, शिगात्से, बंगदा, निंगची और होपिंग जैसे एयरफील्ड को उन्नत करने के बाद अतिरिक्त लड़ाकू विमानों, बमवर्षक विमानों, टोही विमानों और ड्रोनों को तैनात करके अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है.

जवाब में भारत की क्या तैयारी
पूर्वी सेक्टर में हासीमारा, चाबुआ और तेज़पुर में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान डटे हुए हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन (18 जेट) पश्चिम बंगाल के हासीमारा हवाई अड्डे पर तैनात है. दूसरा स्क्वाड्रन अंबाला में पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे के लिए तैनात है.

जे-20 जेट चीन का सबसे धांसू प्लेन माना जाता है. वह इसे अमेरिका के एफ/ए-22 रैप्टर्स और F-35 लाइटनिंग-II ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर की टक्कर का बताता है. ये पांचवीं पीढ़ी के फाइटर प्लेन हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button