अहमदाबाद में IS आतंकवादियों से पूछताछ में खुलासा… ‘पाकिस्तानी हैंडलर को हमले की जगह और समय बताना था’

अहमदाबाद: भारत में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चार संदिग्ध आतंकवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। दरअसल अहमदाबाद में आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में संदिग्धों ने बताया है कि उनका संचालक पाकिस्तान में मौजूद है और उसने चारों को हथियार मुहैया करवाए गए थे। अब वह हमले को अंजाम देने वाली जगह के बारे में बताने वाला था। एटीएस ने चारों श्रीलंकाई नागरिकों को अहमदाबाद हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया। बताया गया है कि चारों संदिग्ध अपने संचालक के कहने पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने आए थे। संचालक को इस्लामिक स्टेट द्वारा निर्देशित किया गया था।
एटीएस ने जब्त किए मोबाइल फोन और हथियार
एटीएस ने उनके मोबाइल फोन जब्त किए और इनकी जांच करने के बाद अहमदाबाद में एक जगह से तीन पिस्तौल और कारतूस भी बरामद किए। एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने बताया कि चारों से कड़ी पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया है कि आतंकवादी हमले को कहां अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
उन्होंने अब तक केवल इतना बताया है कि उनका संचालक उन्हें जगह और समय के बारे में सूचित करने वाला था। एटीएस ने आतंकवादियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। जोशी ने कहा कि जांच एजेंसी उन लोगों के बारे में भी पता लगा रही है, जो भारत में उनके उद्देश्यों को पूरा करने में उनकी मदद करने वाले थे।
‘कोलंबो से चेन्नई होते हुए अहमदाबाद आए चारों संदिग्ध’
एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा आरोपी दूसरे देश से हैं और तमिलनाडु के रास्ते अहमदाबाद पहुंचे। इस मामले की जांच में अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियां भी शामिल हो गईं हैं। आरोपियों की पहचान मोहम्मद नुसरत (35), मोहम्मद फारुख (35), मोहम्मद नफ्रान (27) और मोहम्मद रसदीन (43) के रूप में हुई है। चारों लोग कोलंबो से चेन्नई पहुंचे और वहां से अहमदाबाद के लिए दूसरी फ्लाइट ली।
‘आतंकी संगठन इस्लामिक संगठन से जुड़े थे चारों संदिग्ध’
पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने कहा कि ये लोग इस्लामिक स्टेट के इशारे पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत आए थे। पूछताछ के दौरान सभी ने बताया कि वे पहले प्रतिबंधित श्रीलंकाई कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनजेटी) से जुड़े थे। इसके बाद वे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए।