उत्तर पश्चिम भारत के लोगों पर भारी पड़ेंगे अगले पांच दिन

इन राज्यों के लिए परेशानी बढ़ाएगी लू

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग ने बढ़ती गर्मी की स्थिति को देखते हुए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

आईएमडी ने गुरुवार को कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में लू चलने की आशंका है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली पर इसका सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। साथ ही मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि 18 मई से पूर्वी और मध्य भारत में भी गर्मी का नया दौर शुरू हो जाएगा।

दिल्ली में पारा बढकर हो जाएगा 45 डिग्री
भारतीय मौसम विभाग ने बढ़ती गर्मी की स्थिति को देखते हुए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

आईएमडी ने कहा है कि पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 17 से 20 मई और पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 18 से 20 मई के दौरान गंभीर लू चलने की संभावना है। इसके अलावा विभाग ने यह भी कहा कि राजधानी दिल्ली में शनिवार तक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

सामान्य से अधिक रही हीटवेव के दिनों की संख्या
इससे पहले मौसम विभाग ने मई में देश के उत्तरी मैदानी इलाकों और मध्य भारत में लू और गर्मी के दिनों की सामान्य से अधिक संख्या की भविष्यवाणी की थी। मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल में पूर्व, उत्तर-पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में रिकॉर्ड तोड़ अधिकतम तापमान देखा गया।

इसके कारण स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी किया गया था। इतना ही नहीं, कई स्थानों पर अप्रैल का अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। लू की चरम स्थिति के कारण कुछ मौतें भी दर्ज की गईं हैं। जिसमें केरल के भी दो लोग शामिल हैं।

हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया था कि अप्रैल के महीने में 5 से 7 और फिर 15 से 30 तारीख के बीच दो दौर में लू चली। औसत अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। महापात्र ने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल के महीने में औसत न्यूनतम तापमान 28.12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

1901 से दर्ज किए जा रहे तापमान में यह पहला मौका था कि इन क्षेत्रों में अप्रैल में इतना अधिक न्यूनतम तापमान रहा। उन्होंने यह भी बताया था कि 1980 के दशक के बाद से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान आम हो गया है।

उन्होंने यह भी कहा था कि अप्रैल में पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में लंबे समय तक गर्मी और लू चलने की मुख्य वजह गरज के साथ होने वाली बारिश में कमी रही। पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और भारत के निकटवर्ती पूर्वी तटों पर निचले स्तर पर बने चक्रवात रोधी परिस्थितियों की वजह से कम बारिश हुई।

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