S-400 देने वाले रूस ने भारत से क्‍यों खरीदे 4 अरब डॉलर के हथियार?

मास्‍को: रूस दशकों से भारत का सबसे व‍िश्‍वसनीय हथियार सप्‍लाई करने वाला देश रहा है। मिग, सुखोई जेट, ब्रह्मोस मिसाइल और अब एस-400 मिसाइल सिस्‍टम भारत और रूस के बीच सैन्‍य संबंधों का प्रतीक हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद भी भारत लगातार रूस से हथियार खरीद रहा है।

वहीं रूस ने भी एस-400 समेत कई मिसाइलें और अन्‍य सैन्‍य साजो सामान भारत को भेजे हैं। इस बीच रूस के निर्यातकों ने भारत में बने 4 अरब डॉलर के हथियार और अन्‍य साजो सामान खरीदे हैं। दरअसल, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूस का पैसा वोस्‍त्रो खातों में फंसा हुआ है। इस पैसे को रूस ले नहीं जा रहा पा रहा है। इसी पैसे से रूस ने ये हथियार खरीदे हैं।

रूस ने भारत से करीब 4 अरब डॉलर के हथियार का आयात किया है। यह हथियार रूस ने तब खरीदे हैं जब वह खुद भारत को सबसे ज्‍यादा हथियार बेचता है। बताया जा रहा है कि इन हथियारों के लिए रूस की कंपनियों ने भुगतान भारत को रुपये में किया है।

रूस दशकों से भारत का सबसे व‍िश्‍वसनीय हथियार सप्‍लाई करने वाला देश रहा है, मिग, सुखोई जेट और अब एस-400 सिस्‍टम भारत और रूस के बीच सैन्‍य संबंधों का प्रतीक हैं, रूस ने भी एस-400 समेत कई मिसाइलें और अन्‍य सैन्‍य साजो सामान भारत को भेजे हैं.

रूस के व्‍यापारी अब भारतीय रुपये में व्‍यापार करना शुरू कर चुके हैं। अक्‍टूबर तक रूसी निर्यातकों के 8 अरब डॉलर वोस्‍त्रो खातों में फंसे हुए थे। इन खातों को भारत और रूस के बीच व्‍यापार को बढ़ावा देने के लिए खोला गया है। इसमें भारतीय रुपया है और एक घरेलू बैंक में इसे संचालित किया जाता है।

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निवेश अवसरों की कमी के कारण यह पैसा वोस्‍त्रो खातों में फंसा हुआ था और उसका इस्‍तेमाल नहीं हो पा रहा है। पिछले 6 महीने में रूस केवल 50 फीसदी फंड का ही इस्‍तेमाल कर पाया है।

भारत और रूस के बीच रेकॉर्ड व्‍यापार
सूत्रों के हवाले से मिंट ने बताया कि वोस्‍त्रो में फंसे इस पैसे का एक बड़ा हिस्‍सा पिछले 8 महीने में इस्‍तेमाल किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को रूस के साथ स्‍थानीय मुद्रा में लेनदेन को मंजूरी दी थी। रूस भारत से सामानों का आयात करने के लिए इन वोस्‍त्रो खातों में मौजूद पैसों का इस्‍तेमाल करता है।

भारत रूस कसे मशीनरी, ऑटो पार्ट और अन्‍य इंजीनियर के सामानों की आपूर्ति करता है। इन खातों में पैसा तब बहुत ज्‍यादा बढ़ गया जब रूस ने बहुत बड़े पैमाने पर भारत को सस्‍ती दर पर तेल का निर्यात करना शुरू किया।

रूस भारत को तेल का निर्यात करने वाले शीर्ष 2 देशों में शामिल हो गया। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रत‍िबंध लगा दिए थे और इसके बाद उसने भारत को तेल का निर्यात किया। भारत ने रूस को चीनी मुद्रा और यूएई की मुद्रा में पहले कई बार भुगतान किया है।

हालांकि अब रुपये में भी व्‍यापार हो रहा है। भारत का रूस से आयात जहां 60 अरब डॉलर को पार कर गया है, वहीं भारत का निर्यात भी 4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। रूस को भारत के हथियार और अन्‍य साजोसामान बेचने से पश्चिमी देश भड़क सकते हैं। इन देशों ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं ताकि उसे यूक्रेन के मामले में झुकाया जा सके। हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है और रूस लगातार हमले कर रहा है।

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