हमला हिंदू-मुस्लिम दंगे कराने की सोची समझी साजिश’

बरेली मरकज के उलमा बोले- उच्चस्तरीय जांच हो - मौलाना तौसीफ रजा

बरेली : पहलगाम में आतंकी हमला देश में बड़े पैमाने पर हिंदू-मुस्लिम दंगे कराने की एक सोची समझी साजिश है। आतंकवादियों ने जिस तरह से हमला करके निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या की है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।

यह कहना है मरकज अहल-ए-सुन्नत दरगाह आला हजरत की एक अहम और बुजुर्ग शख्सियत खतीब-ए-आजम मौलाना तौसीफ रजा खां का। वह शुक्रवार को अपने दरगाह आला हजरत स्थित आवास पर उलमा की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही फैली आपसी नफरत का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने यह बर्बरतापूर्ण करतूत की है। यह हमला और हत्याएं जिस तरह से अंजाम दी गई हैं उससे लगता है कि इन आतंकियों और इनके पीछे जो लोग हैं उनका अहम मकसद हमारे मुल्क हिंदुस्तान में वर्षों से कायम आपसी सौहार्द को नुकसान पहुंचाना और देश में हिंदू मुस्लिम समुदाय के बीच नफरत की खाई को और बढ़ाना है।

अपील: संजीदगी और धैर्य से काम लें
मौलाना तौसीफ ने देशवासियों से अपील है कि इस गम की घड़ी में संजीदगी और धैर्य से काम लें। इस आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में कोई ऐसा काम न करें, जिससे आंतकियों और उनके आकाओं के मंसूबे पूरे हों। उन्होंने सरकार से भी यह अपील की है कि इस हमले की उच्च स्तरीय जांच कराए और जो भी इस हमले के पीछे हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन एजेंसियों और सुरक्षाकर्मियों से भी जवाब तलब किया जाए, जो समय रहते इन आतंकी हमलों का पता ना लगा सके।

उन्होंने पहलगाम के स्थानीय मुसलमानों की बहादुरी की भी प्रशंसा की जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर बेरहम आतंकियों से बहुत सारे लोगों की जान बचाई और आपसी सौहार्द और भाईचारे का सुबूत दिया। बैठक के आखिर में आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की बेरहमी के साथ की गई हत्या पर गम गुस्से का इजहार किया गया। इस दौरान मुफ्ती खुर्शीद आलम रजवी, मुफ्ती नवाजिश आलम, रहीम यार खां, कारी सरताज आलम, मौलाना फिरोज, आमिर रजा खां आदि मौजूद रहे।

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