पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचा अभी भी मौजूद
पाक सेना प्रमुख के बयान के बाद हुआ हमला

एलओसी पर “लॉन्च पैड”, जिहादी मदरसे और नेटवर्क पूरी तरह से मौजूद
नई दिल्ली : पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद मंगलवार को वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचा अभी भी पूरी तरह से बरकरार है। अंदरूनी इलाकों में मुख्य प्रशिक्षण शिविर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर “लॉन्च पैड” अभी भी पूरी तरह से मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे, तथाकथित रणनीतिक संपत्तियां जैसे लश्कर, जैश, यूजेसी, अल बद्र, जिहादी मदरसे और मदरसा नेटवर्क पूरी तरह से मौजूद हैं।
यह नरसंहार पिछले सप्ताह पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कश्मीर को इस्लामाबाद की “गले की नस” बताए जाने के तुरंत बाद हुआ है। उन्होंने कहा था कि हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है – यह (कश्मीर) हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी, हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे। भारत ने उनकी टिप्पणियों को बकवास बताया था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसने के लिए दूसरे रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि 778 किलोमीटर लंबी एलओसी पर मजबूत घुसपैठ-रोधी ग्रिड ने वहां आतंकवादियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पिछले साल एलओसी पर घुसपैठ की दस कोशिशें नाकाम की गईं, जिसमें 25 आतंकवादी मारे गए। हालांकि पहलगाम इलाके में सेना की कोई बड़ी तैनाती नहीं है, लेकिन क्षेत्र में मौजूद विशेष आतंकवाद-रोधी बल राष्ट्रीय राइफल्स की एक इकाई ने दोपहर में नरसंहार की खबर मिलते ही कुछ टुकड़ियाँ भेजीं।
लंबे से बड़ा हमला करने की फिराक में आतंकी
अधिकारियों ने कहा कि यह हमला संभवतः अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के साथ-साथ पीएम मोदी की सऊदी अरब की यात्रा के मद्देनजर किया गया है। ताकि वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जा सके।
बता दें कि पिछले दो सालों में जम्मू-कश्मीर में 144 आतंकवादियों के मारे जाने के बाद, आतंकवादी संगठन अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किसी बड़े हमले की फिराक में थे। उन्होंने कहा कि जैसा कि जनरल मुनीर के भारत के खिलाफ हालिया बयानों से स्पष्ट है, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सुधरते हालात से खुश नहीं है। पिछले साल यहां करीब 30 लाख पर्यटक आए, जो पिछले रिकॉर्ड से अधिक है।