साध्वी प्राची ने पुरुष आयोग की मांग क्यों उठाई?
सोशल मीडिया पर बनने वाली ‘रील्स’ को सामाजिक बर्बादी का कारण

मेरठ : एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने मेरठ पहुंचीं विश्व हिंदू परिषद नेत्री साध्वी प्राची ने आज-कल समाज में बढ़ रही वैवाहिक अस्थिरता और पतियों की हत्या जैसे मामलों को लेकर बड़ा बयान दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि रील्स कल्चर और पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के चलते रिश्तों की नींव कमजोर होती जा रही है। महिला आयोग की तरह पुरुष आयोग बनाने के लिए भी प्रयासरत है।
साध्वी प्राची ने कहा कि आजकल लड़कियां शादी के कुछ ही दिनों बाद तलाक ले लेती हैं, यह एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ महिलाएं सरकारी नौकरी करने वाले लड़कों से शादी करके करोड़ों रुपए लेकर उन्हें छोड़ देती हैं, जिससे युवक मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या तक कर रहे हैं।
पुरुष आयोग की मांग उठाई
साध्वी प्राची ने पुरुषों के लिए एक पुरुष आयोग बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जैसे महिला आयोग महिलाओं की सुनवाई करता है, वैसे ही पुरुषों के अधिकार और न्याय के लिए भी एक मंच होना चाहिए। वह इस विषय को लेकर दिल्ली में प्रयासरत हैं। उनका कहना कि बेटा होना गुनाह बन गया है।
साध्वी ने सोशल मीडिया पर बनने वाली ‘रील्स’ को सामाजिक बर्बादी का कारण बताया। उनका कहना है कि महिलाएं दिनभर घर में रील्स देखती और बनाती हैं, और इस आदत का असर उनके व्यवहार और सोच पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर मां खुद बेटी के सामने रील बना रही है तो बेटी भी वही सीखेगी।
माता-पिता की भूमिका पर सवाल
प्राची ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही आपराधिक घटनाओं को पश्चिम की संस्कृति का प्रभाव बताया। सौरभ और अमित हत्याकांड का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में बढ़ती जा रही हैं, और इसके पीछे की जड़ें पाश्चात्य सोच और मोबाइल की लत से जुड़ी हैं। उन्होंने माता-पिता को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यदि माता-पिता खुद अपने बच्चों को अच्छे संस्कार नहीं देंगे तो समाज कैसे सुधरेगा। उन्होंने कहा कि आज बेटा होना अपराध जैसा लगता है, क्योंकि मेहनत से पाले गए बेटे के ’15 टुकड़े’ कर दिए जाते हैं।
वक्फ बिल पर भी साधा निशाना
वक्फ बिल का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इससे गरीबों और महिलाओं को न्याय मिलेगा। उन्होंने विरोध करने वालों पर आरोप लगाया कि ये लोग देश में अवैध कब्जा और अन्याय को बढ़ावा देना चाहते हैं।