खालिस्तानियों का वैंकूवर गुरुद्वारे में तांडव, दीवारों पर लिखे खालिस्तानी नारे
ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में लक्ष्मी नारायण मंदिर पर भी हमला

वैंकूवर (कनाडा) : कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों की हिम्मत बढ़ती जा रही है. कनाडा के वैंकूवर में एक गुरुद्वारे में खालिस्तानियों ने रात भर तोड़फोड़ की और खालिस्तान समर्थक नारे-चिन्ह दीवारों पर पेंट कर दिए यानी ग्रेफिटी बनाई. इसी तरह ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में लक्ष्मी नारायण मंदिर पर भी हमला किया गया और दीवार पर काले पेंट से खालिस्तान लिखा गया.
वैंकूवर में गुरुद्वारे पर हमला
वैंकूवर के खालसा दीवान सोसाइटी या KDS गुरुद्वारे पर यह हमला किया गया है, जिसे रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे के नाम से जाना जाता है. आधिकारिक अकाउंट पर गुरुद्वारा प्रशासन ने तस्वीरों शेयर की है जिसमें सिख मंदिर के पार्किंग प्लेस के आसपास की दीवार पर कई स्थानों पर स्प्रे-पेंट से “खालिस्तान” शब्द दिखाई दे रहा है.
कनाडाई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वैंकूवर पुलिस विभाग शनिवार सुबह हुई घटना की जांच कर रहा है. उसी दिन दुनिया की सबसे बड़ी वैसाखी परेड सरे में हुई थी. खालसा दीवान सोसाइटी ने पिछले विकेंड वैंकूवर में अपनी वैसाखी परेड आयोजित की थी और खालिस्तान समर्थक समूहों को इस कार्यक्रम में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया था.
बाद में, एक बयान में, KDS ने कहा, “खालिस्तान की वकालत करने वाले सिख अलगाववादियों के एक छोटे समूह ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे विभाजनकारी नारों के साथ हमारी पवित्र दीवारों को खराब कर दिया.” इसमें कहा गया है कि यह “हमारे समुदाय के इतिहास में एक दर्दनाक क्षण का शोक है क्योंकि हम खालसा साजना दिवस मनाने के लिए जमा हुए हैं – एक दिन जो सिखों की ताकत, एकता और लचीलेपन का प्रतीक है.”
ब्रिटिश कोलंबिया में लक्ष्मी नारायण मंदिर पर हमला
ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में लक्ष्मी नारायण मंदिर पर भी खालिस्तानी तत्वों ने हमला किया और इसकी दीवारों पर खालिस्तान समर्थन नारे लिख दिए. कनाडाई हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है.
इसके बाद ओटावा नेपियन से कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कनाडा में हिंदू और सिख समुदायों से आग्रह किया कि वे “तत्परता से कदम उठाएं” और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाओं के बाद खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ “निर्णायक” सरकारी कार्रवाई की मांग करें. आर्य ने कहा कि मंदिर की दीवारों पर लिखे नारे खालिस्तानी उग्रवाद के “बढ़ते प्रभाव” की “डराने वाली याद” है.