बसपा में घर वापसी का दौर?संगठन की मजबूती पर जोर!
कई नेताओं का वापसी पर नजर

लखनऊ : आकाश आनंद और नगीना के पूर्व सांसद गिरीश चंद्र की वापसी के बाद अब पश्चिमी यूपी के पूर्व बसपा नेताओं पर पार्टी की नजर है। बसपा से निकाले गए या छोड़कर गए कुछ नेता पार्टी में वापसी की राह देख रहे हैं। इसमें पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक भी शामिल हैं। पूर्व नेताओं की घर वापसी कर बसपा संगठन को मजबूत करना चाहती है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन निराशाजनक था। इसके बाद से पार्टी का जनाधार लगातार गिरता जा रहा है। 2012 से 2024 के बीच हुए तीन विधानसभा चुनावों में बसपा मंडल में एक भी सीट नहीं जीत सकी।
हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के सहारे पार्टी मंडल की तीन सीटें जीतने में सफल रही थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अकेले उतरी बसपा 2019 की सफलता को नहीं दोहरा पाई।
वहीं बसपा के गिरते जनाधार के बीच हाथी के साथी भी लगातार बिछड़ते चले गए। कभी पश्चिमी यूपी में पार्टी का चेहरा रहे 15 से अधिक पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और पदाधिकारी अब बसपा में नहीं हैं। कुछ को बसपा प्रमुख मायावती ने अनुशासनहीनता का हवाला देकर पार्टी से निकाल दिया तो कुछ ने खुद ही पार्टी से किनारा कर लिया।
माफी मांगने पर पिछले दिनों भतीजे आकाश आनंद की बसपा में वापसी हो गई। इसके बाद बृहस्पतिवार को पूर्व सांसद गिरीश चंद्र को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। यही नहीं, गिरीश चंद्र को बिजनाैर और अमरोहा के मुख्य सेक्टर प्रभारी की जिम्मेदारी भी साैंप दी गई। वहीं चार माह पहले पार्टी से निकाले गए प्रमोद निरंकारी को फिर से रामपुर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
इसके साथ ही बसपा ने संगठन को दोबारा से मजबूत करने के लिए नए सिरे से काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी की नजर उन नेताओं पर है, जो पूर्व में बसपा से जुड़े थे और किसी कारणवश पार्टी से निकाले गए या खुद ही पार्टी छोड़कर गए चले गए थे। ऐसे कुछ नेता पार्टी के संपर्क में भी हैं।