25 साल में 92 फीसदी बढ़े भारत के परमाणु हथियार
वैश्विक परमाणु ताकत की तुलना और भारत का परमाणु सिस्टम!

नई दिल्ली: अमेरिकी वैज्ञानिकों का संघ (FAS) की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले 25 वर्षों में अपनी परमाणु क्षमता में 92% की वृद्धि दर्ज की है. साल 2000 में भारत के पास लगभग 13 परमाणु हथियार थे, जो अब 2025 तक बढ़कर 180 हो गए हैं. इसका मतलब है कि भारत ने हर साल औसतन 7 नए परमाणु हथियार विकसित किए हैं. वह भी तब, जब भारत की परमाणु नीति No First Use की है.
2025 तक दुनिया में केवल 9 देश परमाणु हथियार संपन्न हैं. कुल मिलाकर इनके पास 12,331 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 90 फीसदी हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं. हालांकि, भारत के परमाणु हथियारों के सफर पर गौर करें तो साल 1998 में भारत के पास एक भी परमाणु हथियार नहीं थे. इसके 2 साल बाद भारत ने 13 परमाणु हथियार तैयार कर लिए. इसके 10 सालों बाद यानी 2012 में भारत के कुल परमाणु हथियार 100 हो गए. मौजूदा वक्त में भारत के पास 180 न्यूक्लियर वेपन हैं.
ग्लोबल परमाणु ताकत की तुलना में भारत कहां खड़ा है?
FAS की रिपोर्ट के अनुसार इस वक्त दुनिया में कुल 12 हजार 331 न्यूक्लियर वेपन मौजूद हैं. इसमें से 90 फीसदी सिर्फ रूस और अमेरिका के पास है.
देश कुल हथियार सैन्य-तैयार लॉन्च-रेडी
रूस 5,449 4,299 1,710
अमेरिका 5,277 3,700 1,670
चीन 600 600 24
भारत 180 180 0
पाकिस्तान 170 170 0
इजरायल 90 50 0
उत्तर कोरिया 50 50 0
भारत के सभी परमाणु हथियार रिजर्व में हैं. इसका मतलब कोई भी तैनात नहीं किया गया है. इसके बावजूद, भारत Nuclear Triad क्षमता वाला चुनिंदा देश है. इस तरह से भारत परमाणु हथियारों के मामलों में पाकिस्तान से भी आगे हैं.
भारत की परमाणु नीति
भारत की परमाणु नीति आज भी No First Use पर आधारित है. यानी भारत कभी पहले परमाणु हथियार से हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि उस पर हमला हुआ तो उसका जवाब पूरी ताकत के साथ देगा. इस नीति के बावजूद भारत ने अपनी परमाणु क्षमताओं में बढ़ोतरी जारी रखी है. यह संकेत है कि भारत रक्षात्मक दृष्टि से आक्रामक तैयार है.
भारत का Nuclear Triad: ज़मीन, पानी और आकाश से हमला करने की क्षमता
भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल है ,जो Nuclear Triad रखते हैं. यानी परमाणु हथियार को तीन माध्यमों से लॉन्च करने की ताकत:
1. जमीन से
अग्नि मिसाइल श्रृंखला
अग्नि-I से अग्नि-VI तक, जिनकी रेंज 700 किमी से 6,000+ किमी तक है.
2. पानी से
INS अरिहंत जैसी परमाणु पनडुब्बियां, जो गहराई से परमाणु मिसाइल दाग सकती हैं.
3. आकाश से
सुखोई-30 MKI, मिराज 2000, जगुआर जैसे लड़ाकू विमान जो परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं.