सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षकों को दी रियायत

अब दिसंबर तक काम कर सकेंगे शिक्षक

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला केस में थोड़ी राहत दी है। अकादमिक सत्र जारी रहने के आधार पर 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को कुछ समय बनाए रखने की छूट दी गई है। अदालत ने साफ किया है कि ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।

3 अप्रैल, 2025 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के 25 हजार से अधिक शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। अब छात्रों की पढ़ाई के नुकसान का हवाला दे रही राज्य सरकार के अनुरोध पर शिक्षकों को फिलहाल काम करने की अनुमति दी है।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में यह शर्त रखी है कि प्रदेश सरकार 31 मई तक नई भर्ती का विज्ञापन निकाले। नई नियुक्तियां 31 दिसंबर तक पूरी की जाएं। अदलात ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह इसे सख्ती से देखेगा।

2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के तहत हुई भर्ती के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 25 हजार से अधिक लोगों का सिलेक्शन हुआ था। इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में माना कि 2016 में हुई पूरी नियुक्ति प्रक्रिया जोड़-तोड़ और धोखे से भरी थी।

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