संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की बढ़ीं मुश्किलें

जानिए क्या हैं सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें?
मुश्किल में फंसे सपा सांसद बर्क
संभल :’संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क एक साथ दो मुश्किलों में फंस गए हैं। बर्क के खिलाफ संभल पुलिस दंगे के आरोप में नोटिस जारी कर चुकी है और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई तो उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। दूसरी तरफ बर्क के मकान पर बुलडोजर एक्शन का भी खतरा मंडरा रहा है। बर्क पर बिना नक्शा पास कराए मकान बनवाने का आरोप लगा है। उनका घर संभल के दीपासराय इलाक़े में है जिसकी एक दिन पहले ही पैमाइश हुई। जब संभल में बर्क के घर की नपाई हो रही थी तो नपाई की टीम से ज्यादा वहां फोर्स बुलाई गई थी। घर के अंदर घर के बाहर नपाई करने वाले अफसरों की सुरक्षा में पुलिस के जवान मुस्तैद थे।

बर्क के मकान पर चल सकता है बुलडोजर

पीडब्लूडी की 25 सदस्यीय टीम ने बर्क के मकान की पैमाइश की। इस दौरान पुलिस की 30 सदस्यीय टीम पूरे इलाके में मौजूद रही। दो एई और 3 जेई ने बर्क के मकान की नपाई की। पीडब्लूडी अफसरों की टीम ने करीब 40 मिनट तक नपाई का काम किया। बर्क का जो नया मकान बना है वो डेढ़ से दो साल पुराना है और ये मकान बिना नक्शे के बनाया गया है। नपाई से पहले बर्क को इस मामले में अब तक तीन नोटिस और 15 बार बुलाया गया। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अभी तक इस सिलसिले में कोई कागज जमा नहीं किया।

अगर बर्क पर आरोप सही साबित हुए तो…

बर्क पर आरोप है कि मकान में नए निर्माण के लिए रेगुलेटेड एरिया से परमिशन नहीं ली। बिना नक्शे के इतना बड़ा मकान बनवा रहे थे। जबकि बर्क का दावा है कि ये मकान उनके नाम पर नहीं है लेकिन इसका सबूत वे अब तक नहीं दे पाए हैं। मकान की जांच हो गई है जिसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और SDM को सौंपी जाएगी। एसडीएम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पांच अप्रैल को होगी और इसके बाद ही बुलडोजर एक्शन पर फैसला होगा। अवैध मकान केस में सिर्फ बुलडोजर एक्शन होने की बात नहीं है, अगर ये आरोप सही साबित हुए तो बर्क के लिए मुसीबत बड़ी हो सकती है।

बर्क की सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है

बर्क पर बिना नक्शा पास कराए मकान बनाने का आरोप है जो रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट का उल्लंघन है। और अगर बर्क का मकान नियम के खिलाफ बनाया गया है तो उस पर बुलडोजर एक्शन हो सकता है और अगर आरोप साबित हुए तो उनकी सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए बर्क खुद को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मामले में फंसता देख अब खुद के नाम पर मकान नहीं होने का दावा कर रहे हैं।

बर्क अर्जी लगा रहे हैं कि मकान का काम दादा शफीकुर्रहमान रहमान बर्क के वक्त में हुआ था। इसलिए जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलूकुर्रहमान रहमान को पार्टी बनाया जाए। ममलूकुर्रहमान बर्क ने खुद को वारिस बनाए जाने की अर्जी भी दी है। इसे एसडीएम ने खारिज कर दिया है। बर्क पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ जिलाधिकारी कोर्ट में अपील की है इस पर 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है

 

 

 

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