रेलवे का सिस्टम अपने आप ही लोअर बर्थ करता है अलॉट

भारतीय रेल: भारतीय रेल जरूरत के हिसाब से समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के लिए कदम उठाती रहती है। भारतीय रेल द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों में महिलाओं और बुजुर्गों के साथ-साथ दिव्यांग यात्रियों के लिए कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में इन सुविधाओं की जानकारी दी। रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों में 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए प्रत्येक डिब्बे में नीचे की कई सीटें रिजर्व रखी जाती हैं। ताकि सफर के दौरान महिलाओं को अपर बर्थ पर जाने के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों के लिए भी रिजर्व रहते हैं लोअर बर्थ
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों के लिए भी नीचे की कई सीटें रिजर्व रखी जाती हैं। रेल मंत्री ने कहा कि अगर ये खास वर्ग के लोग ऑनलाइन टिकट बुक करते समय लोअर बर्थ का ऑप्शन नहीं भी चुनते हैं तो उन्हें रेलवे का सिस्टम अपने आप ही लोअर बर्थ अलॉट कर देता है। अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे की कोशिश रहती है कि यात्रियों को सफर के दौरान बेहतर सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने कहा कि अगर किसी ट्रेन में लोअर बर्थ खाली रहती हैं तो उन सीटों पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं का पहला हक होता है।

वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, गर्भवती महिलाओं को ऑटोमैटिकली मिल जाती है लोअर बर्थ
केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, गर्भवती महिलाओं और 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को लोअर बर्थ अलॉट करने का पूरा सिस्टम ऑटोमेटेड है। आप टिकट बुक करते समय जैसे ही अपनी डिटेल्स जैसे- उम्र, लिंग आदि डालते हैं तो रेलवे का सिस्टम आपको प्राथमिकता देते हुए लोअर बर्थ अलॉट करता है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि स्लीपर क्लास के प्रत्येक कोच में 6-7 सीटें, थर्ड एसी में 4-5 सीटें, सेकेंड एसी में 3-4 सीटें हमेशा वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, गर्भवती महिलाओं और 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए रिजर्व रखी जाती हैं।

 

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