दिन भर में बस 5 मिनट कर लें ये काम, छू भी नहीं पाएगा स्ट्रेस-एनजाइटी; हार्ट भी रहेगा सुपर हेल्दी
भ्रामरी प्राणायाम एक असरदार ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, मेंटल पीस और फिजिकल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसे "हम्मिंग बर्ड प्राणायाम" भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें मधुमक्खा की भंय-भंय की आवाज की तरह गूंजने की आवाज निकाली जाती है.

आजकल की बिजी और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल में खुद को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है. खुद को हेल्दी रखने के लिए योग करना एक बेहद असरदार तरीका है. आपको बता दें, स्ट्रेस, एनजाइटी और कई परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आपको दिनभर में बस 5 मिनट भ्रामरी प्राणायाम करने से फायदा हो सकता है. इसे करने से दिमाग तुरंत शांत हो जाता है, जिससे मेंटल स्ट्रेस कम होती है. अगर इसे सुबह के वक्त किया जाए, तो पूरा दिन व्यक्ति फ्रेश महसूस करता है. इस खबर में हम आपको भ्रामरी प्राणायाम करने के फायदे बताएंगे.
भ्रामरी प्राणायाम करने के फायदे
मेंटल पीस और स्ट्रेस में कमी
भ्रामरी प्राणायाम मेंटल स्ट्रेस तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है. यह दिमाग को शांत करता है और आपको मेंटल पीस महूसस होती है.
अच्छी नींद
रोजाना भ्रामरी प्राणायाम करने से नींद न आने की समस्या दूर हो सकती है. इसे करने से व्यक्ति का दिमाग शांत होता है और उसे अच्छी नींद आती है.
मेमोरी पावर और कंसंट्रेशन
यह योग मेंटल इंटेंसिटी को बढ़ाता है और मेंटल एबिलिटीज में सुधार करता है, जिससे कंसंट्रेशन और मेमोरी पावर बेहतर होती है.
बेहतर हार्ट हेल्थ
यह प्राणायाम ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है.
साउंड थेरेपी
इस प्राणायाम के दौरान निकलने वाली आवाज गले, कंठ और मुंह के मसल्स को मजबूत करती है. साथ ही यह गले की बीमारियों से बचाव में मददगार है.
भ्रामरी प्राणायाम करने का सही तरीका
सही तरीके से भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले एक आरामदायक आसन जैसे पद्मासन, सुखासन या वीरा आसन पर बैठे. पीठ सीधी और शरीर ढीला रखें. अब दोनों आंखों को हल्के से बंद करें और गहरी सांस लें. दोनों होंठों को बल्का बंद कर लें, ताकि गूंज (वाइब्रेशन) केवल नाक से निकले. अब नाक से गहरी सांस लें और गहरी सांस छोड़ते हुए गले से “हम्म” या “भ्रामरी” की आवाज निकालें. हर सांस के साथ आवाज को बढ़ाते जाएं. यह लगभग 5-10 मिनट करें. सांस और आवाज के साथ अपना ध्यान बनाए रखें.