क्या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के पीछे थी कोई साजिश?
वैष्णव ने कहा, ‘दुनिया में किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही नहीं होती. रेलवे अधिकारियों ने दिन रात काम किया है. इतनी बड़ी भीड़ को संभालना अत्यंत मुश्किल काम है. फिर भी रेलवे कर्मियों ने अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है.'

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के पीछे किसी साजिश की बात से सोमवार को इनकार करते हुए कहा है कि घटना के समय स्टेशन के दो प्लेटफॉर्म पर बहुत असामान्य भीड़ नहीं थी. रेल भवन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वैश्णव ने कहा, ‘इस समय तो कोई साजिश नजर नहीं आती. अब तक उपलब्ध सूचना से पता चलता है कि शनिवार को भगदड़ मचने के समय नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बहुत ज्यादा भीड़ नहीं थी.
असाधारण भीड़ नहीं थी
उन्होंने प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा को भगदड़ की वजह होने से इनकार करते हुए कहा, ‘जांच समिति इस पर गहराई से पड़ताल कर रही है.’ रेलवे अधिकारियों के अनुसार नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक समय में सभी 16 प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की कुल क्षमता 48,000 है और हर प्लेटफॉर्म पर अधिकतम 3000 लोग रह सकते हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ‘घटना वाले दिन 15 फरवरी को शाम छह बजे से आठ बजे के बीच करीब 12,208 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या आमतौर पर 9,600 के आसपास होती है. रात 8 बजे से 10 बजे के बीच जहां अन्य दिनों में 8,900 अनारक्षित टिकट बेचे जाते हैं, वहीं 15 फरवरी को 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए.’
यात्रियों के भ्रमित होने से हादसा
अधिकारी के अनुसार, ‘प्लेटफार्म संख्या 12 से शाम 7:15 बजे एक प्रयागराज स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी तथा टिकटों की बिक्री में वृद्धि को देखते हुए एक और स्पेशल चलाने की योजना बनाई गई, जो उसी प्लेटफार्म पर 8:50 बजे प्रतीक्षा कर रही थी. रात करीब साढ़े 8 बजे प्लेटफार्म संख्या 12 पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए घोषणा की गई तो कुछ यात्री भ्रमित हो गए और उन्हें लगा कि यह घोषणा प्रयागराज एक्सप्रेस के लिए की गई है.
अधिकारी के अनुसार, ‘वे प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म 14 पर थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उद्घोषणा से वे भ्रमित हो गए और उन्होंने प्लेटफॉर्म 12 की ओर जाना शुरू कर दिया.’
सामने आई भगदड़ की वजह
उन्होंने कहा, ‘सीढ़ियों पर कई यात्री बैठे थे और उन पर चढ़ते समय एक व्यक्ति जिसके सिर पर भारी सामान था, वह असंतुलित हो गया और दूसरे यात्रियों पर गिर गया जिससे भगदड़ मच गई.’ वैष्णव ने कहा कि नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म सहित विभिन्न स्टेशनों से लाइव फीड प्राप्त करने के लिए रेल भवन में स्थापित वॉर रूम से पता चला है कि इन स्टेशनों पर असाधारण भीड़ नहीं थी.
महकमे का बचाव
उन्होंने कहा, ‘हमने पिछली असफलताओं और गलतियों से सीखा है और यही कारण है कि यात्रियों की इतनी बड़ी भीड़ को इतनी अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया है. पिछले कुंभ मेले में केवल 4,000 ट्रेनें चलाई गई थीं, जबकि इस बार हमने 13,000 ट्रेनों की योजना बनाई थी और अब तक 12,583 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं.’
वैष्णव ने कहा, ‘दुनिया में किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही नहीं होती. रेलवे अधिकारियों ने दिन रात काम किया है. इतनी बड़ी भीड़ को संभालना अत्यंत मुश्किल काम है.’ उनके मुताबिक कुंभ मेले में जाने के लिए अब तक 2.9 करोड़ श्रद्धालुओं ने ट्रेन से यात्रा की है. रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों और घायलों को नकद राशि वितरित करने को उचित ठहराते हुए कहा कि यह प्रथा के अनुरूप है.