क्या है तिरुपति बालाजी मंदिर का टोकन सिस्टम?

तिरुपति बालाजी मंदिर में टोकन लेने के दौरान मची भगदड़ से 6 लोगों की मौत हो गई है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंदिर का टोकन सिस्टम क्या है? और आखिर कैसे भगदड़ मचने से 6 लोगों की जान चली गई.

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट केंद्रों के पास भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. यह भगदड़ 4000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुई. 10 दिवसीय विशेष दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए भारी भीड़ उमड़ी. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के ज़रिए आयोजित वैकुंठ एकादशी और वैकुंठ द्वार दर्शनम 10 जनवरी से 19 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा. कहा जाता है कि यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ हो जाती है, ऐसे में इस भीड़ को देखते हुए यह टोकन सिस्टम बनाया गया है. इसके लिए पहले टोकन लेना होता है, तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह टोकन सिस्टम क्या है.

क्यों शुरु हुआ टोकन सिस्टम

मंदिर में शुरू किया गया टोकन सिस्टम प्रणाली तिरुमला मंदिर में तीर्थयात्रियों के लंबे इंतजार को आसान और सुखद बनाने के लिए शुरू की गई है. तिरुमला में लंबी कतारें हमेशा से एक बड़ी समस्या रही हैं, जिसे हल करने के लिए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने एक्सपर्ट्स और समय प्रबंधन सलाहकारों के साथ विचार-विमर्श कर यह नई योजना लागू की है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति 50 रुपये का टोकन लेकर दर्शन कर सकता है. हालांकि इस टोकन के तहत दर्शन करने में एक दिन से ज्यादा का समय भी लग जाता है. कई बार तो ज्यादा भीड़ होने की वजह से 2-3 का समय दर्शन करने में लग जाता है.

300 रुपये में VIP टोकन

50 रुपये वाले टोकन के बाद एक और व्यवस्था है जिसे VIP कैटेगरी में रखा गया है. इस सिस्टम में 300 रुपये का VIP टोकन लेना होता है और इस सिस्टम में जल्दी दर्शन की संभावना रहती है. 300 रुपये वाले सिस्टम के तहत एडवांस बुकिंग भी की जा सकती है. जिससे तीर्थयात्रियों को कुछ घंटों के भीतर परेशानी मुक्त दर्शन मिलने की उम्मीद होती है. टिकट ऑनलाइन सिस्टम, डाकघरों और एपीटी ऑनलाइन सेंटर्स के माध्यम से बुक किए जा सकते हैं.

1 लाख से ज्यादा टोकन होने थे जारी

बुधवार को इसी सिस्टम के तहत लगभग 94 काउंटरों के ज़रिए टोकन दिए जाने थे लेकिन उससे पहले बुधवार की शाम से बड़ी तादाद में श्रद्धालु उमड़ पड़े. देखते ही देखते गुरुवार की शाम भक्तों की तादाद ज्यादा होने के चलते यह हादसा हो गया. मंदिर की तरफ से 10, 11 और 12 जनवरी को वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए 1 लाख से ज्यादा टोकन जारी होने थे.  मंदिर प्रबंधन की तरफ से दर्शन करने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं.

बुजुर्ग और विकलांगों के लिए स्पेशल व्यवस्था

इसके अलावा बुजुर्ग और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए स्पेशल दर्शन की व्यवस्था भी की गई है. यह विशेष दर्शन दिव्यांग और बुजुर्ग तीर्थयात्रियों (65 वर्ष से ज्यादा) के लिए है जो मंदिर के पास एक अलग प्रवेश द्वार के माध्यम से दर्शन कर सकते हैं. इस कैटेगरी में आने वाले तीर्थयात्रियों को प्रतिदिन दो अलग-अलग स्लॉट में सुबह 10:00 बजे और दूसरे स्लॉट में दोपहर 3:00 बजे एंट्री दी जाती है. इसके लिए 1400 टोकन जारी किए जा रहे हैं. शुक्रवार और बुधवार को सिर्फ दोपहर 3:00 बजे के स्लॉट के लिए ही 1000 टिकट जारी किए जाते हैं.

 

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