गुजरात में 60 दिन के बच्चे को HMPV इंफेक्शन ,आखिर बच्चों में तेजी से क्यों फैल रहा चीन का खतरनाक वायरस

भारत में एचएमपीवी का तीसरा केस भी सामने आ गया है. बैंगलोर के बाद अब गुजरात में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस के लक्षण मिले हैं.

चीन में खौफ फैला रहे एचएमपीवी वायरस का इंफेक्शन तेजी से भारत में भी फैलना शुरू हो गया है. पहले बैंगलोर में 8 और 3 महीने के बच्चे में इसके लक्षण की पुष्टि की गयी थी. अब अहमदाबाद में भी 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसके बाद उसका इलाज एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है.

हालांकि, इस वायरस के बारे में पहले ही हेल्थ एक्सपर्ट ने यह बात साबित कर दी है कि इसका सबसे ज्यादा जोखिम छोटे बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के वयस्कों को है. लेकिन नवजात बच्चों में इसके इंफेक्शन के पीछे का कारण क्या है? इसका जवाब यहां आप हम आपको बता रहे हैं-

फेफड़ों में घूसता है HMPV वायरस

एचएमपीवी का वायरस हवा में मौजूद होने के कारण सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसका इंफेक्शन ऊपरी और निचली सांस की नलियों में शुरू होता है. कई बार यह वायरस कान में भी फैलने लगता है.

बच्चों में HMPV वायरस के इंफेक्शन का कारण

नवजात में एचएमपीवी वायरस के इंफेक्शन का कारण कमजोर इम्यून सिस्टम है. दरअसल, जन्म के समय शिशुओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वे संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बना पाते. इसके अलावा, शिशुओं के श्वसन मार्ग पहले से ही नाजुक होते हैं, जिससे वायरस आसानी से उन्हें प्रभावित करता है. अधिक उम्र के लोगों में इस वायरस के जोखिम के ज्यादा होने का कारण भी वक्त के साथ कमजोर होते इम्यून सिस्टम को ही माना जाता है.

नवजात में दिखने वाले एचएमपीवी के लक्षण

आमतौर पर, एचएमपीवी संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में हल्का बुखार, खांसी, और नाक बहना शामिल होते हैं. इसके अलावा, शिशुओं को गहरी खांसी, सांस में तेजी, और सीने में जकड़न के साथ रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (आरडीएस) या ब्रोंकाइटिस जैसे लक्षण नजर आते हैं, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button