नए साल के पहले हफ्ते में आएंगे ये प्रमुख त्योहार-व्रत, जानें तिथि और महत्व

इस बार नए साल की शुरुआत कई प्रमुख त्योहारों और व्रतों से होने जा रही है. आइए आपको उन व्रतों-त्योहारों की सूची के बारे में बताते हैं. नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं. इस सप्ताह सोमवती अमावस्या, वैनायकी चतुर्थी सहित कई व्रत रखा जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं 2025 के पहले सप्ताह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत के बारे में.

उम्मीदों और इच्छाओं से भरा नया साल 2025 कल से शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही लोगों के घरों में लगा कैलेंडर भी बदल जाएगा. त्योहारों और व्रतों के लिहाज से साल का पहला हफ्ता इस बार बहुत खास रहने वाला है. इस हफ्ते में वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी और अन्नरूपा षष्ठी जैसे बड़े व्रत भी पड़ने वाले हैं. आइए आपको इन व्रतों और त्योहारों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

1 जनवरी 2025, बुधवार

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अभी पौष का महीना चल रहा है. इसी महीने में अंग्रेजी नववर्ष शुरू हो रहा है. सनातन धर्म में पौष माह को बेहद शुभ माना जाता है. इस महीने में लोग अपने आराध्य देवों की पूजा करते हैं और जरूरतमंदों को दान करके पुण्य कमाते हैं. एक जनवरी को भी लोग मंदिरों में जाकर प्रभु के दर्शन करेंगे और अपनी क्षमतानुसार लोगों की सेवा करेंगे. चूंकि साल का पहला दिन बुधवार पड़ रहा है, जिनके स्वामी भगवान गणेश हैं. इसलिए साल के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ हो सकता है.

वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत (3 जनवरी, शुक्रवार)

सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. जबकि पौष माह में आने वाली चतुर्थी को  वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी कहा जाता है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान गणेश का जाप करते हैं. इस बार यह व्रत 3 जनवरी 2025 को पड़ रहा है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से गणपति की आराधना करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अन्नरूपा षष्ठी (5 जनवरी, रविवार)

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, पौष महीने की षष्ठी तिथि को मां अन्नरूपा का षष्ठी व्रत किया जाता है. यह व्रत माता अन्नपूर्णा को समर्पित माना जाता है. इस व्रत को बंगाल में बहुत जोश और उत्साह से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में कभी भी धन और अनाज की कमी नहीं होती. ऐसा परिवार जीवन के सारे सुख भोगता है और जिंदगी की खुशियां हासिल करता है.

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