जब छूट जाती दूल्हे की ट्रेन
हावड़ा :मुंबई से गुवाहाटी जा रही बारात को हावड़ा के पास एक अजीब संकट का सामना करना पड़ा। जब वह हावड़ा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर थे तो बारात के प्रमुख को एहसास हुआ कि बारात दल में बहुत सारे बुजुर्ग और बच्चे भी हैं जो जल्दी-जल्दी में एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाकर दूसरी ट्रेन पकड़ पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में बारात दल के प्रमुख चंद्रशेखर बाघ ने ट्विटर के माध्यम से मंडल रेल प्रबंधक हावड़ा और सीनियर डीसीएम हावड़ा से मदद की अपील की।
रेलवे के अधिकारियों ने बनाया विशेष कॉरिडोर
दोनों अधिकारियों ने हावड़ा स्टेशन पर अपने मातहत कर्मचारियों को आवश्यक सहायता देने का निर्देश दिया। फिर क्या था… जैसे ही गीतांजलि एक्सप्रेस हावड़ा स्टेशन पर पहुंची तो रेलवे के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने मिलकर एक विशेष कॉरिडोर बनाया और बारात दल के सभी 35 लोगों को कम समय में प्लेटफॉर्म संख्या 21 न्यू परिसर से प्लेटफॉर्म संख्या 9 ओल्ड कंपलेक्स तक पहुंचाने में मदद दी। बारात दल के बुजुर्ग सदस्यों के लिए चार बैटरी ऑपरेटेड कार्ट और व्हीलचेयर की भी व्यवस्था की गई। एक दर्जन से अधिक रेलवे कर्मचारी बारात दल की सहायता में जुटे रहे।
रेल मंत्री, रेलवे कर्मचारियों का किया धन्यवाद
रेलवे स्टेशन पर की गई विशेष व्यवस्था के चलते बारात दल के सभी सदस्य 12345 सारीघाट एक्सप्रेस को पकड़ने में सफल रहे और निर्धारित समय पर दुल्हन के घर पहुंच गए। इसके बाद बारात दल के प्रमुख चंद्रशेखर बाग ने ट्विटर पर रेल मंत्री, रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।