30 साल में दोगुनी रफ्तार से बढ़े हैं डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज:डायबिटीज को दुनियाभर में सबसे खतरनाक बीमारियों में एक माना जाता है। डायबिटीज धीरे-धीरे आपके शरीर के सारे अंगों को प्रभावित करने लगती है। हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। लोगों को इस लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी और इसके खतरो को लेकर जागरुक किया जाता है। ताकि आप खुद को डायबिटीज का शिकार होने से बचा सकें। हाल ही में आई द लैंसेट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 30 सालों में दुनिया भर में डायबिटीज से पीड़ित युवाओं का प्रतिशत दोगुना हो गया है। ऐसा सबसे ज्यादा विकासशील देशों में हो रहा है।
2022 में दुनिया भर में करीब 14 प्रतिशत युवा गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से प्रभावित होंगे। जबकि 1990 में यह आंकड़ा सिर्फ 7 प्रतिशत था। अभी तक 800 मिलियन से ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि 1990 में यह संख्या 200 मिलियन से भी कम थी। इस रिपोर्ट में डायबिटीज के टाइप 1 और टाइप के रोगी शामिल हैं। खासतौर से डायबिटीज टाइप 1 कम उम्र से ही प्रभावित करता है और इसका इलाज करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसा इंसुलिन की कमी की वजह से होता है।
डायबिटीज टाइप 2 का किसे है खतरा
वहीं टाइप 2 डायबिटीज मिड एज वालों को या उम्रदराज लोगों को प्रभावित करती है, जिनकी इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम होने लगती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान, कनाडा, फ्रांस और डेनमार्क जैसे कुछ विकसित में डायबिटीज के मरीजों की दर या तो समान रही है या इसमें थोड़ी गिरावट आई है। वहीं मीडियम आय वाले देशों में इसका खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा है।
डायबिटीज के रोगियों के बढ़ने का बड़ा कारण
रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का एक सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण और खानेपीने में बदलाव के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है। शुगर के मरीज में 30 साल से ज्यादा उम्र के पांच में से तीन लोगों यानी 445 मिलियन युवाओं को 2022 में मधुमेह का इलाज नहीं मिला। जिसमें से अकेले भारत में इसके करीब एक तिहाई लोग मौजूद थे। समय पर इलाज न मिल पाना डायबिटीज के रोगियों का खतरा काफी बढ़ा रहा है।
डायबिटीज से खतरा
डायबिटीज के खतरे आपके लिए काफी गंभीर साबित हो सकते हैं। डायबिटीज के रोगियों में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं देखी जा सकती हैं। जिसमें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा, किडनी खराब होने और कम दिखाई देना, एम्प्युटेशन, लिवर पर असर और कुछ मामलों में ये असामयिक मृत्यु का भी कारण बन सकता है।