अखबार में लिपटा हुआ पकौड़ा है खतरे का घर!

अखबार में रखकर गर्मा गरम पकौड़े खाने का मजा ही कुछ और आता है, लेकिन ऐसे में आप अपनी सेहत को खुद नुकसान पहुंचा रहे होते हैं. बेहतर है आप कोई अच्छा विकल्प खोजें.

हम अक्सर गर्म खाने को प्लास्टिक की थैली में रखने से परहेज करते हैं क्योंकि इसके जरिए माक्रोप्लास्टिक हमारे पेट में चले जाते हैं और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं.  कुल लोग पॉलीथीन से बेहतर न्यूजपेपर को मानते हैं, लेकिन आप ये बात जानकर हैरान रह जाएंगे कि अखबार में लिपटा हुआ खाना सेफ नहीं है, ये कई बीमारियों को दावत देता है. आखिर इसकी वजह क्या है ये जानने की कोशिश करते हैं.

अखबार में रैप किए हुए पकौड़े खाने के नुकसान

मशहूर हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रवि के गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक आंख खोलने वाला वीडियो शेयर किया है, उन्होंने कहा, “गलियों में जो अखबार में लपेटर पकौड़े मिल रहे हैं, उन तले हुए पकौड़ों से ज्यादा नुकसान आपको अखबार से होता है. जब आप फ्राई किए हुए खाने को न्यूजपेपर में रैप करते हैं, तो आप इसमें मौजूद केमिकल्स और इंक के एक्सपोज़र में आते हैं.”

“इन न्यूजपेपर्स में वॉलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड होते हैं, जो आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. और अखबार कैसे बनता है, क्या कभी सोचा है आपने? उसमें धूल, बैक्टीरिया और दूसरी गंदगी हो सकती है, जो भोजन से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकते हैं.”

अखबार का विकल्प क्या है?

डॉ. रवि के गुप्ता ने कहा, “न्यूजपेपर की जगह आप खाना टिश्यू पेपर में पैक करवा सकते हैं, जो अब हर जगह होते हैं, ऐसी छोटी-छोटी बातों को अपनाकर आप 100 साल तक जी सकते हैं. आप अपने और अपने परिवार का ख्याल रखें.” सबसे बेहतर है कि आप घर से स्टील के बर्तन लाएं और उसमें खाना रखें.

अखबार में मौजूद केमिकल्स

केमिकल इंजीनियर मोहम्मद शकीफ आलम  ने बताया कि न्यूजपेपर में कई ऐसे इंग्रेडिएंट्स होते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह हैं, जैसे- लो ग्रेड वेजिटेबल ऑयल (हेवी ऑयल) और बिटुमेन पिगमेंट. अगर ये भोजन जरिए पेट में जाएंगे तो गड़बड़ी हो सकती है.

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