जादुई गुणों से भरपूर हींग……………..
हींग का उपयोग आमतौर पर दाल सब्जी में छौंक लगाने के लिए किया जाता है इसलिए इसे 'बघारनी' के नाम से भी जाना जाता है।
हींग भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से कश्मीर एवं पंजाब में पायी जाती है।
हींग आहार में रूचि उत्पन्न करके अग्नि को प्रदीप्त करती है।
हींग फेरूला फोइटिस नामक पौधे का चिकना रस है।
इसके पौधे के पत्तों और छाल में हलकी चोट देने से दूध निकलता है और वही दूध पेड़ पर सूख कर गोंद बनता है, उसे निकालकर सुखा लिया जाता है, जिसे बाद में हींग के नाम से जाना जाता है।
हींग एक गुणकारी औषधि है।
यह हलकी,गर्म और पाचक है।
जानिये, हींग के 7 अद्भुत औषधीय गुणों के विषय में –
1- हींग को पानी में पीसकर पेट पर (नाभी के आसपास) लेप करने से उलटी बंद हो जाती है और पेट दर्द में भी आराम मिलता है।
2- हिंगाष्टक चूर्ण 6 ग्राम को पानी के साथ खाने से हर प्रकार की वायु की बीमारियां मिट जाती हैं।
3- शुद्ध हींग को चम्मच भर पानी में गर्म करके रुई भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे रखें। ऐसा करने से दांत के दर्द में आराम मिलता है।
4- कालीखांसी में बच्चों के सीने पर हींग का लेप करने से लाभ मिलता है।
5- यदि पेट में गैस बन रही हो तो हींग, काला नमक और भुनी हुई अजवायन को पीस कर चूर्ण बना लें। इसे दिन में दो बार गुनगुने पानी से लें, गैस में लाभ होगा।
6- हींग को तिल के तेल में पका कर उस तेल की बूँदें कान में डालने से तेज कान का दर्द दूर होता है।
7- अचार की सुरक्षा के लिए बर्तन में पहले हींग का धुंआ दें। उसके बाद उसमे अचार भरें। इस प्रयोग से अचार खराब नहीं होता है।