खांसी की औषधियां…………….

खांसी होने के कारण

आइसक्रिम, फ्रिज का पानी, फ्रिज में रखें पदार्थ का सेवऩ़, रात्रि में दही का सेवन। भोजन के तुरन्‍त बाद 1 घूंट जल पीयें । 1 घंटे पश्‍चात अधिक मात्रा में जल पीयें। घी तेल से बने पदार्थ खाने के बाद तुरन्‍त जल न पीयें। धूप में से आकर तुरन्‍त जल न पीयें।

खासी से निवारण के आयुर्वेदिक उपचार

सीतोपलादी चूर्ण — यदि केवल खांसी हो या खांसी, सर्दी जुकाम, बुखार हो तो 1/2 चम्‍मच चूर्ण को शहद में मिलाकर प्रात: और सायंकाल सेवन करें।

मुलेठी —- केवल खांसी हो या खांसी के साथ कफ भी हो तो मुलेठी का टुकडा गुटके की तरह दिनभर चूसें । या मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटें या मुलेठी का चाय बनाकर पीयें।

अडूसा (वासा) — खांसी बहुत अधिक हो टी0बी0 हो सांस फूलता हो कफ की समस्‍या हो तो अडूसा 2 ग्राम की मात्रा में 1 कप पानी में उबालकर छान कर प्रात: और सायंकाल सेवन करें। इससे हर प्रकार की खांसी, कुकुरखांसी, टी0बी0, सांस फूलना, कफ की समस्‍या समाप्‍त हो जातें हैं।

अपथ्‍य —— चावल, दही, फ्रिज का पानी, घी तेल से बने पदार्थो का सेवन न करें।

सभी औषधि शुद्ध खड़ी हो ,घर मे ही पीसे,

त्रिकटु चूर्ण – 20 ग्राम
बहेड़ा चूर्ण – 20 ग्राम
प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी चार औषधि को मिलाकर पीसकर डिब्बे में रखें

वयस्क:-
एक – एक ग्राम एक चम्मच शहद में मिलाकर खाएं, खाने से एक घंटा पहले , सुबह और शाम ।

बच्चे:-
छोटे बच्चे को आधा ग्राम जो 10 साल तक के हो।

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