अगस्‍त के आखिरी दिन प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त के साथ जान लें ये बेहद जरूरी बातें

अगस्‍त महीने का अंत प्रदोष व्रत के साथ हो रहा है. साथ ही यह शनि प्रदोष व्रत है, जो भगवान शिव के साथ शनि देव की भी कृपा दिलाएगा.

सभी त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित हैं. त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर महीने 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं, इस तरह साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. प्रदोष व्रत करने से महादेव सारे दुख-दर्द दूर कर देते हैं. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. विधि-विधान से प्रदोष व्रत रखना और पूजा करना बहुत लाभ देता है. भाद्रपद महीने के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्‍त 2024, शनिवार को है. इस तरह अगस्‍त महीने के आखिरी दिन शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इससे भगवान शिव और शनि देव की विशेष कृपा प्राप्‍त होगी.

शनि प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30-31 अगस्त 2024 की मध्य रात्रि 02 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 1 सितंबर को तड़के सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का महत्‍व है. त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल 31 अगस्‍त 2024 की शाम 6 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इस दौरान महादेव की पूजा करना सर्वश्रेष्‍ठ रहेगा.

प्रदोष व्रत में रखें इन नियमों का ध्‍यान 

प्रदोष व्रत करने का पूरा फल तभी मिलता है, जब इसे पूरे विधि-विधान से किया जाए. जानिए प्रदोष व्रत के दौरान किन बातों का ध्‍यान जरूर रखना चाहिए.

– प्रदोष व्रत में मन की पवित्रता भी जरूरी है, लिहाजा मन में बुरे विचार ना लाएं. ना ही किसी को अपशब्‍द कहें.

– प्रदोष व्रत में पूरे दिन उपवास रखें और प्रदोष काल में पूजा के बाद ही फलाहार करें. फिर चतुर्दशी तिथि के दिन पूजा करके व्रत का पारण करें.

– प्रदोष व्रत की पूजा में कथा जरूर पढ़ें.

– प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.

– प्रदोष व्रत के दिन नाखून, बाल नहीं काटें. ना ही दाढ़ी बनवाएं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button