शिवाजी की मूर्ति गिरने पर चौतरफा घिरी BJP

महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति के गिरने के बाद से राजनीति तेज हो गई है. अब उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने के पीछे असली कारणों की जांच होनी चाहिए, और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.

महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति के गिरने के बाद से सियासत लगातार तेज हो रही है. अब उद्धव ठाकरे ने भी शिवाजी की मूर्ति गिरने पर महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए, जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति और गरमा गई है. उद्धव के साथ ही शरद पवार ने भी बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से इनकार नहीं कर सकती, क्योंकि जब भी कोई प्रतिमा स्थापित की जाती है, तो इसके लिए राज्य के अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है.

सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में स्थित राजकोट किले में लगी 17वीं सदी के महान मराठा योद्धा और राज्य के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार तेज हवा के थपेड़ों से गिर गई थी. इस प्रतिमा का अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. मूर्ति गिरने की इस घटना में विपक्षी दलों को आपदा में अवसर दिखने लगा है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार का यह दावा करना कि प्रतिमा हवा के कारण गिरी, ‘बेशर्मी की पराकाष्ठा’ है. उन्होंने इस दावे को खारिज करते हुए इसे सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया. ठाकरे ने कहा कि यह घटना न केवल प्रशासन की विफलता है, बल्कि यह शिवाजी महाराज के प्रति गहरी असम्मानना का संकेत भी देती है.

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रतिमा के गिरने से कुछ अच्छा हो सकता है. ठाकरे ने इस बयान को शिवाजी महाराज की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करार दिया और इसे शर्मनाक बताया. गौरतलब है कि मूर्ति गिरने की घटना पर राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सरकार फिर से इस मूर्ति को बनवाएगी.  उन्होंने मूर्ति गिरने की घटना को दुखद तो बताया ही, साथ ही कहा कि इस पर हो रही राजनीति और भी दुखद है.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस मामले को लेकर मैं महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं. छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं. उनकी प्रतिमा का इस तरह एक साल के भीतर गिर जाना हम सभी के लिए एक झटका है.

इस घटना के बाद, महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियां और महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई है. उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि एमवीए 1 सितंबर को दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक एक विशाल मार्च निकालेगी. इस मार्च का उद्देश्य शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के खिलाफ सरकार की जिम्मेदारी तय करने और जनता के सामने सरकार की विफलताओं को उजागर करना है.

इस बीच मालवण में राजकोट किले में एमवीए के कार्यकर्ताओं और भाजपा सांसद नारायण राणे के समर्थकों के बीच झड़प भी हुई. एमवीए का प्रतिनिधिमंडल जब किले का दौरा कर रहा था, तब यह तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई. इस झड़प के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.

 

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