पाकिस्तानी शख्स गिरफ्तार ईरान से जुड़े तार

न्यूयॉर्क: ईरान से करीबी संबंध रखने वाले 46 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक पर मंगलवार को अमेरिकी धरती पर एक राजनेता या अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। आसिफ रजा मर्चेंट पर ब्रुकलिन की संघीय अदालत में दायर एक शिकायत में आरोप लगाया गया कि उसने अमेरिकी धरती पर किसी राजनेता या अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रची थी। आसिफ पर पैसे लेकर हत्या करने की साजिश का आरोप है। किसी भी हमले से पहले ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आरोपी की साजिश को विफल कर दिया।

साजिश को किया गया नाकाम
एफबीआई की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज के मुताबिक, आसिफ इससे पहले कि अमेरिका में किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे पाता, उसे पकड़ लिया गया। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अटॉर्नी ब्रेओन पीस ने कहा, मर्चेंट ने दूसरे देश के लोगों की ओर से काम करते हुए अमेरिकी धरती पर सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रची। एबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा, पाकिस्तानी नागरिक के ईरान के साथ करीबी संबंध हैं। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, मर्चेंट ने अमेरिकी धरती पर एक राजनेता और अधिकारियों की हत्या की साजिश रची थी।

अमेरिका छोड़ने की कर रहा था तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि मर्चेंट को 12 जुलाई को तब पकड़ा गया था जब वह अमेरिका छोड़ने की तैयारी कर रहा था। इसके कुछ ही समय पहले उसकी मुलाकात उन कथित हत्यारों से हुई थी, जो दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अंडरकवर एजेंट थे। अभियोजकों का कहना है कि मर्चेंट हत्या करने के लिए शूटर की तलाश कर रहा था। इसके साथ एक महिला, जो रेकी कर सके और लगभग 25 लोग चाहिए थे, जो हत्या के बाद ध्यान भटकाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर सकें। आसिफ रजा फिलहाल न्यूयॉर्क की संघीय अदालत की हिरासत में है। अप्रैल 2024 में ईरान में समय बिताने के बाद मर्चेंट पाकिस्तान से अमेरिका पहुंचा था।

डोनाल्ड ट्रंप पर हुआ था हमला
एफबीआई ने इस पूरे मामले का खुलासा ऐसे समय में किया है जब हाल ही में पेन्सिलवेनिया में एक युवक ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक रैली में गोली चलाई थी। इस हमले में ट्रंप बच गए थे। गोली पूर्व राष्ट्रपति के कान को छूते हुए निकली थी। सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने हमलावर को तुरंत मार गिराया था। एक अधिकारी के मुताबिक जांचकर्ताओं को इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पेन्सिलवेनिया में हुई गोलीबारी से मर्चेंट का कोई संबंध था।

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