पन्नू केस ‘बेहद गंभीर मुद्दा,अमेरिका

अमेरिका: अमेरिकी ने बुधवार को कहा कि वह खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए भारत के साथ काम कर रहा है. पीटीआई के मुताबिक बुधवार को कांग्रेस की सुनवाई के दौरान, दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने कहा कि यह मुद्दा ‘गंभीर’ है.

डोनाल्ड लू ने सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से कहा, ‘यह एक गंभीर मसला है. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच एक गंभीर मुद्दा. न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार में काम करने वाले किसी व्यक्ति के इशारे पर एक भारतीय नागरिक ने अमेरिकी धरती पर एक यूएस सिटिजन को मारने की कोशिश की. हमने इसे अविश्वसनीय रूप से गंभीरता से लिया है. इस मुद्दे को भारत के साथ उच्चतम स्तर पर उठाया है.’
‘अमेरिका भारत के साथ कर रहा है काम’
लू ने कहा कि जो बिडेन प्रशासन नाकाम साजिश में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए भारत के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम जो देख सकते हैं वह यह है कि भारत ने खुद घोषणा की है कि उन्होंने इस मामले को देखने के लिए एक जांच समिति बनाई है. हम उनसे न्याय सुनिश्चित करने के लिए जल्दी और पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए कहते हैं.’

पीटीआई के मुताबिक लू मिनेसोटा के कांग्रेसी डीन फिलिप्स के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. फिलिप्स ने पूछा था कि क्या रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत से संबंधित 500 से अधिक व्यक्तियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की तरह उन लोगों पर भी ऐसा ही एक्शन लेने का विचार किया जा रहा है जो पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे हैं।

निखिल गुप्ता पर अमेरिकी अभियोजकों ने लगाए आरोप
बता दें अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में निखिल गुप्ता (52) पर आरोप लगाया था कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ उसकी मिलीभगत थी. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है.

अभियोजकों ने आरोप लगाया कि एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के निर्देश पर काम करते हुए निखिल गुप्ता ने अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या में मदद के लिए एक ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया, जिसके बारे में उनका मानना था कि वह एक आपराधिक सहयोगी है.आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है.

बता दें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पन्नू को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है और सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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