भैरबी-सांरग रेल परियोजना

मिजोरम :भारतीय रेलवे दिन पर दिन विस्तार करती जा रही है। पूर्वोत्तर राज्य के मिजोरम में भारतीय रेलवे का खास प्रोजेक्ट चल रहा है। रेलवे यहां परिवर्तनकारी पहल की अगुआई कर रहा है। रेल मंत्रालय मिजोरम से देश की बाकी राजधानियों को रेल के संपर्क से जोड़ रहा है। इस खास प्रोजेक्ट के देश की बाकी राजधानियों को जोड़ने के लिए नई रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। मिजोरम में भैरबी-सैरांग नई रेलवे लाइन परियोजना पूरी होने के अंतिम चरण में है। यह राज्य के लिए एक गेम-चेंजर बनने के लिए तैयार है।

93 प्रतिशत पूरा हो चुका काम
भैरबी-सैरांग परियोजना, जो 51.38 किलोमीटर तक फैली है। चार खंडों में बांटी गई है। इसे भैरबी-होर्टोकी, होर्टोकी-कावनपुई, कावनपुई-मुआलखांग और मुआलखांग-सैरांग में बांटा गया है। यह प्रोजेक्ट 93% प्रतिशत पूरा हो चुका है। पूरी तरह कंपलीट होने के बाद यह मिजोरम में आवाजाही और बिजनेस के क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। इस खास प्रोजेक्ट से रेलवे पर्यावरण के अनुकूल सेवाएं प्रदान करेगा, जो राज्य के विकास को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

कुल 12,853 मीटर सुरंग में से 12,807 मीटर का निर्माण पूरा
इस रेलवे प्रोजेक्ट के निर्माण में कई सुरंगों और पुलों के निर्माण सहित चुनौतीपूर्ण भूभागों को पार करना शामिल है। कुल 12,853 मीटर सुरंगों में से 12,807 मीटर का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना में 55 बड़े पुल और 89 छोटे पुल भी शामिल हैं। इनमें से 47 बड़े और 87 छोटे पुल पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं।

कुतुबमीनार से भी ऊंचा ब्रिज
बता दें कि परियोजना में सबसे ऊंचा पियर ब्रिज सैरांग स्टेशन के पास है। यह ब्रिज संख्या 196 का पियर पी-4 है, जो कि पूरा हो चुका है। इसकी ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है। इसके अलावा परियोजना में पांच रोड ओवर ब्रिज और छह रोड अंडर ब्रिज शामिल हैं। इसमें चार स्टेशन शामिल होंगे जो कि होर्टोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरांग के नाम से रहेंगे।

लघु उद्योगों और पर्यटक को मिलेगा बढ़ावा
राज्य में लंबे समय तक बारिश होने के कारण मिजोरम में निर्माण सामग्री और कुशल श्रमिकों की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद रेलवे परियोजना को समय पर चालू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। भैरबी-सैरांग नई लाइन रेलवे परियोजना से मिजोरम के लोगों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी। राज्य के लोगों को लघु उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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