BSNL 4G आखिर कब होगा लॉन्च?

जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के प्लान्स महंगे होने के बाद लोगों में चर्चा फिर शुरू हो चुकी है. इस पर अब संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जवाब आया है, जिसको सुनकर आपको थोड़ी राहत मिल सकती है.

भारत में BSNL 4G कब आएगा? यह सवाल हर भारतीय कर रहा है. काफी दिनों से चर्चा है कि बीएसएनएल 4जी सर्विस ला रहा है. जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के प्लान्स महंगे होने के बाद लोगों में चर्चा फिर शुरू हो चुकी है. इस पर अब संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जवाब आया है, जिसको सुनकर आपको थोड़ी राहत मिल सकती है. BSNL और MTNL में ‘जल्द से जल्द’ 4G और 5G सर्विस शुरू करने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि इन सरकारी कंपनियों में बदलाव के प्रयासों की मॉनिटरिंग ‘महीने या हफ्ते नहीं’ बल्कि डेली बेसिस पर की जा रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार MTNL के सॉवरेन गारंटी बांड के पीछे खड़ी है, और इसका कोई भी लेन-देन बाकी नहीं रहेगा, भले ही इसके संचालन को BSNL में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘जैसा हमने पहले बताया था, MTNL का काम अब BSNL के अंतर्गत आ जाएगा. MTNL के बकाया चुकाने के लिए उसकी संपत्ति बेची जाएंगी. इस बीच, जब तक संपत्ति बिक नहीं जाती और कुछ बॉन्ड का भुगतान का समय नहीं आ जाता, तब तक सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड मान्य रहेंगे. भारत सरकार उन बॉन्ड्स के लिए ज़िम्मेदार है और कोई भी भुगतान बाकी नहीं रहेगा.’

भारत में बना रही टेक्नोलॉजी

भारतीय मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन समारोह के दौरान सिंधिया जी ने कहा कि टेक्नोलॉजी को अपडेट करने में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन हमें “राष्ट्रीय गौरव” महसूस करना चाहिए और थोड़ा धैर्य रखना चाहिए. ये देरी इसलिए हो रही है क्योंकि हम विदेशी कंपनियों से टेक्नोलॉजी नहीं खरीद रहे हैं, बल्कि खुद ही भारत में इसे बना रहे हैं.

उन्होंने कहा- ‘हमें राष्ट्रीय गौरव का भाव जगाना चाहिए… हमारे लिए विदेशी कंपनियों से टेक्नोलॉजी लेकर वही करना आसान होता, जो दूसरे देश कर रहे हैं. लेकिन, हम मानते हैं कि भारत सिर्फ सेवाएं देने वाला देश नहीं रहना चाहिए, बल्कि खुद प्रोडक्ट्स भी बनाना चाहिए. इसलिए हमने कठिन रास्ता चुना और खुद ही भारत का 4G सिस्टम बनाने का फैसला किया.’ टाटा द्वारा संचालित तेजस और टीसीएस तथा सरकारी सी-डॉट का एक समूह मिलकर जटिल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है ताकि BSNL और MTNL नेटवर्क पर इस्तेमाल होने वाले 4G और 5G टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार किया जा सके.

 

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